बुधवार, 30 मार्च 2022

नाखून बताएं स्वभाव व चरित्र

 आपके नाखून आपका चरित्र बताते है।

नाखून स्वास्थ्य बताने में माहिर 


नख परिचय 


प्राच्य तथा पाश्चात्य विद्वानों ने जातक के हाथों के नखों (नाखून) की परीक्षा पर भी विशेष बल दिया है। नस्लों के द्वारा जातक के स्वास्थ्य, स्वभाव तथा चरित्र आदि के विषय में बहुत कुछ जाना जा सकता है। इस प्रकरण में नख परीक्षा के प्राच्य तथा पाश्चात्य सिद्धान्तों को क्रमशः प्रस्तुत किया जा रहा है।

प्राच्यमत- भारतीय विद्वानों ने नखों के 39 भेद माने हैं। यथा - (1) रक्तवर्ण, (2) ताम्रवर्ण, (3) प्रवालवर्ण, (4) वीर वधूटी वर्ण (5) श्वेत (6) पीतवर्ण (7) हरितवर्ण (8) नीलवर्ण (9) कृष्णवर्ण (10) तुष (भूसे जैसे) वर्ण, (11) विपर्न, (12) दीर्घ (13) सूक्ष्म, (14) प्रलंब, (15) तीक्ष्ण, (16) चतुःष्कोण, (17) बर्तुलाकार, (18) स्निग्ध, (19) रुक्ष, (20) निस्तेज (21) कान्तिहीन, (22) निर्मल (23) कच्छप पृष्ठ वत उन्नत (24) टेढ़े (25) फटे हुए (26) शिथिल (27) पतले (28) चौड़े (29) काँच जैसे चमकदार (30) स्थूल (31) चपटे (32) सीपाकृति (33) नीचे दबे हुए (34) लूपाकृति (35) श्वेत बिन्दु युक्त (36) आगन्तुक श्वेत बिन्दु युक्त (37) पुष्प युक्त (38) सुन्दर तथा (39) मिश्रित लक्षणों वाले।

इन विभिन्न प्रकार के नखों का प्रभाव निम्नानुसार बताया गया है

(1) बड़े (2) टेढ़े (3) रुखे (4) श्वेत वर्ण (5) मूल में चौकोर तथा दबे हुए सिरे वाले (6) निस्तेज एवं (7) कान्तिहीन नखों वाला जातक धनधान्य एवं सुखहीन होता है।

(8) जिनके नखों के ऊपर बिखरे हुए फूलों की भांति श्वेत रंग के दाग हों वे जातक सदाचार हीन होते हैं। (9) श्वेत रंग के नखों वाले श्रमजीवी तथा (10) भूसे जैसे रंग बाल एवं (11) विवणं नमी वाले परावलम्बी होते हैं।

(12) चपटे तथा (13) कटे नसों वाले धनहीन (14) काले नसों वाले महापापी, (15) लाल नसो वाले भस्वामी (16) टेढ़े नया वाले दुष्ट (17) पीले नली वाले दराचारी (18) काले नसों वाले रोगी (19) ताम्र वर्ण नखों वाले धनी (20) वीर बघटी के रंग जैसे नसी वाले राजा (21) मुंगे के रंग जैसे नस्लो वाले नृपतुल्य होते हैं एवं

(22) कांच जम नसों वाले तेजस्वी होते हैं।

(23) शिथिल नसो वाले दरिद्री (24) माटे (25) मप जम, तथा (26) लम्बे नवी वाले निर्धन (27) बतलाकार (28) कछुए की पीठ जैसे उन्नत (29) चिकने पानीदार तथा चीड एवं (30) अंगली के आध पर्व तक की लम्बाई के नखा वाल नृपतन्य तथा मत्री होते हैं। स्त्रियों के हाथों में ऐसे नल परम शुभ माने जाते हैं। (31) नीचे दबे हुए तथा सीप जैसे नसों वाले दरिद्री होते हैं। (32) श्वेत बिन्द यक्त नो वाल पुरुष दुःखी तथा स्त्रियां व्यभिचारिणी होती है। (33) जो श्वन बिन्द जन्मजात न हो, परन्तु किसी समय आकस्मिक रूप से उत्पन्न हो गये हो. उन्ह आगन्तक श्वेत बिन्द' कहा जाता है, ऐसे नल शुभ माने गये हैं।

(34) सरल, (.35) सुन्दर तथा (36) छोटे नल शुभ होते हैं। (37) निर्मल नमा वाले भाग्यशाली (38) विवर्ण तथा (39) बहुत छोटे नसों वाले दरिद्री होते हैं।

3 टिप्‍पणियां:

नवग्रह के रत्न

 रत्नों की जानकारी   यहां सिर्फ रत्नों के नाम बताएं गए है।  1. सूर्य ग्रह का रत्न मानिक्य व उपरत्न स्टार माणक, रतवा हकीक, तामडा,...